नवरात्री में नवदुर्गा के नव रूपों को स्मरण करें
हर रूप की महिमा अपार, आओ उनको श्रवण करें
देवी शैलपुत्री प्रथम कहलाए
हिमराज की सुता हर दुःख हर ले जाए
द्वितीय ब्रह्म चारिणी हो तुम माँ
सब की दुखहारिणी हो तुम माँ
चंद्र घंटा त्रितीय नाम तेरा माँ
कष्ट निवारण काम तेरा माँ
कुश्मांड़ा तेरा रूप चतुर्थ है देवी
देती तू उल्लास और हर्ष है देवी
पंचम स्कन्द माता तुम कहलाती
कार्तिकेय के संग ही पूजी जाती
षष्टम रूप में कात्यायनी हो तुम
शक्तिरूपा, महा ज्ञानी हो तुम
कालरात्रि तेरा सप्तम रूप है
ये रूप तेरा अति अनूप है
महा गौरी तेरा अष्टम नाम
ममता और प्रेम बाँटना तेरा काम
नवम सिद्धि दात्री हो तुम माँ
दिवस तुम्हीं,रात्रि हो तुम माँ
इस नवरात्रि माँ इतना कर दो
हृदय मेरा भक्ति से भर दो ।
मोनिका कानपुर
फरीदाबाद