सतना। विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश रवीन्द्र प्रताप सिंह चुण्डावत द्वारा रिश्वत खोर बीआरसीसी राजेश कुमार द्विवेदी को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 के अन्तर्गत 3 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 13000 रुपए अर्थदण्ड तथा धारा 13(1)(डी) सहपठित धारा 13(2) में 4 वर्ष का सश्रम कारावास
एव 10 हजार के अर्थदण्ड का दण्डादेश पारित किया गया है। मामले में वारष्ठ सहायक जिला अभियोजन अधिकारी बृजेन्द्र नाथ शर्मा ने राज्य की ओर से शासन
का पक्ष रखा।
11 जून वर्ष 2015 उससे 15 जून 2015 की अवधि में तत्कालीन मैहर बीआरसीसी राजेश कमार द्विवेदी लोक सेवक के रूप में शिकायत कर्ता राजेश कुमार जयसवाल जो शासकीय प्राथमिक शाला आदिवासी बस्ती भदनपुर में प्रभारी प्रधानाध्यापक था उससे शौचालय निर्माण का मानक स्तर पर
निरीक्षण रिपोर्ट देने रिश्वत के रूप में 15 हजार की मांग की थी। जिसकी
शिकायत शिकायतकर्ता द्वारा लोकायुक्त रीवा में की गयी थी। उक्त शिकायत के सत्यापन के बाद 15 जून 2015 को लोकायुक्त रीवा के ट्रेप दल द्वारा सतना रेल्वे स्टेशन के सामने स्थित डेली नीडस की दुकान के सामने आरोपी को शिकायतकर्ता से रिश्वत के 10 हजार रूपये लेते हुये रंगे हाथ पकड़ा गया था। तत्पश्चात आवश्यक विधिक कार्यवाहियां करते हुये आरोपी राजेश कुमार द्विवेदी के विरूद्ध अभियोजन स्वीकृती लेने के उपरांत अभियोग पत्र विचारण हेतु विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार प्रथम अपर सत्र
में पेश गया था।